जीवन धागा
कविता: जीवन धागा कहे राजेन्द्र, क़ि, इंसान के, जन्म और, मृत्यू के, बीच का सफ़र, कहलाता, जीवन धागा। धागे के, एक सीरे पर, होता जन्म, तो, दुसरे सीरे पर, होता,मृत्यू का भाग आधा। ----------------------------------------------- गर्, दोनों सीरों के बीच, जीवन में, पाना है, ...